ICT – Practical Files in Hindi (B.Ed. - IVth) (Introduction to Computer Technology)
कंप्यूटर क्या है – What is Computer ?
कंप्यूटर एक मशीन है जो डेटा की गणना, स्टोर करने और जानकारी का प्रबंधन करने के निर्देशों को संसाधित करता है। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से बने होते हैं. Computer शब्द, Latin शब्द “computare” से लिया गया है. इसका अर्थ है Calculation करना या गणना करना.
इसका मुख्य तोर से तीन काम है. पहला डाटा को लेना जिसे हम Input भी कहते है. दूसरा काम उस डाटा को Processing करने का होता है और आकिर काम उस processed डाटा को दिखाने का होता है जिसे Output भी कहते हैं.
मॉडर्न कंप्यूटर का जनक Charles Babbage को कहा जाता है. क्यूंकि उन्होंने ही सबसे पहले Mechanical कंप्यूटर को डिजाईन किया था, जिसे Analytical Engine के नाम से भी जाना जाता है. इसमें Punch Card की मदद से डाटा को insert किया जाता था.
तो कंप्यूटर को हम एक ऐसा advanced इलेक्ट्रॉनिक device कह सकते हैं जो की raw data को input के तोर में User से लेता है. फिर उस data को program (set of Instruction) के द्वारा प्रोसेस करता है और आखिर के परिणाम को Output के रूप में प्रकाशित करता है. ये दोनों numerical और non numerical (arithmetic and Logical) calculation को process करता है.
कंप्यूटर का इतिहास
कंप्यूटर क्या है जानने के साथ साथ इसका इतिहास भी समझना जरुरी है. इस बात की सही तरह से प्रमाण नहीं किया जा सकता है की कब से कंप्यूटर का development शुरू किया गया. लेकिन officially कंप्यूटर की development को generation के मुताबिक classify कर दिया गया है. ये मुख्य तोर से 5 हिस्सों में बंटे हुए हैं.
जब बात Computer की generation की आती है तब इसका तात्पर्य है की Computer की पीडियां in hindi. जैसे जैसे computer में विकाश होते हैं उन्हें अलग अलग पीड़ियों में विभाजित कर दिया गया जिससे की इन्हें सठिक रूप से समझने में आसानी हो.
1. कंप्यूटर की पहली पीढ़ी – 1940-1956 “Vacuum Tubes”
सबसे पहले generation के कंप्यूटर Vaccum tubes को circuitry और Magnetic Drum को memory के लिए इस्तमाल करते थे. ये size में काफी बड़े बड़े हुआ करते थे. इनको चलाने में काफी शक्ति का इस्तमाल होता था.
ज्यादा बड़ा होने के कारण इसमें heat की भी बहुत समस्या थी जिससे ये कई बार malfunction भी होता था. इनमे Machine Language का इस्तमाल होता था. उदहारण के तोर पे UNIVAC and ENIAC computers.
2. कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी – 1956-1963 “Transistors”
Second generation के computers में transistors ने vaccum tubes की जगह ले ली. Transistor बहुत ही कम जगह लेते थे, छोटे थे, faster थे, सस्ते थे और ज्यादा Energy Efficient थे. ये पहले generation के कंप्यूटर की तुलना में कम heat generate करते थे लेकिन फिर भी इसमें heat की समस्या अभी भी थी.
इनमे High Level programming Language जैसे COBOL और FORTRAN को इस्तमाल में लाया गया था.
3. कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी – 1964-1971 “Integrated Circuits”
Third generation के कंप्यूटर में पहली बार Integrated Circuit का इस्तमाल किया गया था. जिसमे Transistors को छोटे छोटे कर silicon chip के अन्दर डाला जाता था जिसे Semi Conductor कहा जाता है. इससे ये फ़ायदा हुआ की कंप्यूटर की processing करने की क्षमता काफी हद तक बढ़ गयी.
पहली बार इस generation के computers को ज्यादा user friendly बनाने के लिए Monitors, keyboards और Operating System का इस्तमाल किया गया. इसे पहली बार Market में launch किया गया.
4. कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी – 1971-1985 “Microprocessors”
Forth generation की ये खासियत है की इसमें Microprocessor का इस्तमाल किया गया. जिससे हजारों Integrated Circuit को एक ही सिलिकॉन chip में embedded किया गया. इससे मशीन के आकार को कम करने में बहुत आसानी हुई.
Microprocessor के इस्तमाल से कंप्यूटर की efficiency और भी बढ़ गयी. ये बहुत ही काम समाया में बड़े बड़े कैलकुलेशन कर पा रहा था.
5. कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी – 1985-present “Artificial Intelligence”
Fifth generation आज के दोर का है जहाँ की Artificial Intelligence ने अपना दबदबा कायम कर लिया है. अब नयी नयी Technology जैसे Speech recognition, Parallel Processing, Quantum Calculation जैसे कई advanced तकनीक इस्तमाल में आने लगे हैं.
ये एक ऐसा generation हैं जहाँ की कंप्यूटर की Artificial Intelligence होने के कारण स्वयं decision लेने की क्ष्य्मता आ चुकी है. धीरे धीरे इसके सारे काम Automated हो जायेंगे.
कंप्यूटर का कार्य
Input (Data): Input वो step है जिसमे की Raw Information को Input Device इस्तमाल करके कंप्यूटर में डाला जाता है. ये कोई letter, पिक्चर या कोई विडियो भी हो सकता है.
Process: Process के दौरान input हुए data को instruction के अनुसार processing की जाती है. ये पूरी तरह से Internal प्रोसेस है.
Output: Output के दौरान जो data पहले से process हो चुकी हैं उसको Result के तोर में show किया जाता है. और यदि हम चाहें तो इस result को save कर के Memory में रख भी सकते हैं Future के इस्तमाल के लिए.
कंप्यूटर की मूल यूनिटों का नामांकित चित्र
यदि आपने कभी किस कंप्यूटर case के भीतर देखा होगा तो आपने ये जरुर पाया होगा की अन्दर छोटे छोटे कई components होते है, वो बहुत ही ज्यादा complicated दिखते हैं, पर वो actually में उतने complicated नहीं होते. अब में आप लोगों को इन्ही components बारे में कुछ जानकारी दूंगा.
• Motherboard
• CPU/Processor
• RAM
• Hard Drive
• Power Supply Unit
• Expansion Card
• Video Card
• Sound card
• Network Card
• Bluetooth Card (Adapter)
Floppy Disk क्या है (What is Floppy Disk)
Floppy Disk एक तरह की डाटा स्टोरेज डिवाइस है. इसे सबसे पहली बार सन 1969 में create किया गया, उसी वर्ष जिस वर्ष Internet की शुरुवात करी गयी. यह Secondary या External Memory का भाग है।
यह मैग्नेटिक डिस्क बहुत पतली तथा लचीली होती है इसलिए इन्हें फ्लोपी डिस्क या डिस्केट कहते है. यह मेलर नाम की प्लास्टिक की शीट की बनी होती है और इसके दोनों और मैग्नेटिक सामग्री चिपकी होती है.
मैग्नेटिक डिस्क को अन्य प्लास्टिक जैकेट में बंद किया जाता है तथा मैग्नेटिक डिस्क के एक छोटे से भाग को खुला रखा जाता है. Computer में उपयोग होने वाली फ्लोपी डिस्क आकार में 5.25 इंच (जिसे मिनी फ्लोपी भी कहते है) अथवा 3.5 इंच (जिसे माइक्रो फ्लोपी भी कहते है) की होती है.
फ्लोपी डिस्क बहुत ही कम मात्रा में डाटा को स्टोर कर सकती है. पहले Computer में इसका अधिक यूज़ होता था लेकिन CD के आने के बाद से इसका अस्तित्व ही खत्म हो गया क्योंकि उसमे स्टोरेज क्षमता अधिक थी. फ्लोपी डिस्क में सारा डाटा एक गोलाकार चुम्बकीय प्लेट में स्टोर होता है और वहीं से सारी डाटा को रीड किया जाता है.
Creating Document in MS Word:-
आप जब कभी भी वर्ड का नया प्रोजेक्ट बनाएंगे तो आपको नए दस्तावेज बनाने की जरुरत पड़ेगी।
निम्न चरणों का पालन करे :
1. सबसे पहले वर्ड प्रोग्राम को open करे।
2. फाइल(File) टैब पे क्लिक करके Backstage View पे जाये।
3. New पे क्लिक करे।
4. अब आपके सामने बहुत से विकल्प आ जायेगा।
5. Blank Document के लिए Blank Document पे क्लिक करके दस्तावेज बना ले।
MS Excel क्या है?
MS Excel यह Microsoft Office Package का एक भाग है जिसे माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन द्वारा Develop किया गया है, जिसके द्वारा हम विभिन्न प्रकार के गणितीय एवं Logical कार्य कर सकते है, MS Excel से हम गणिती एवं तार्किक डेटाबेस तैयार कर सकते हैं.
Microsoft Excel विभिन्न Rows और Column से मिलकर बनता है जिसे हम Cell कहते हैं, Microsoft Excel मैं हम Cell में ही Data इंटर करते हैं.
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल का प्रयोग कैसे करें?
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल का प्रयोग कर सकते है:-
1-Goto start menu / button and
click all programs.
2-Then choose ms office package.
3-Click ms excel 2007
Microsoft PowerPoint क्या है?
Microsoft PowerPoint एक कमाल का सॉफ्टवेयर है, जिसको Microsoft Office के द्वारा विकसित किया गया है। Microsoft PowerPoint Microsoft Office Suite Software का एक पार्ट है। Microsoft PowerPoint एक प्रेजेंटेशन प्रोग्राम है जो फोटो, वीडियो और ऑडियो के साथ ओपन, क्रिएट, एडिट, फॉर्मेटिंग, शेयर ओर प्रिंट ये सब काम करने में साक्ष्य है।
Microsoft PowerPoint का फाइल एक्सटेंशन है “PPT” जो अधीक सलुडर्स से बना है। सलुडर्स एक एक प्रेजेंटेशन पेज है, इसीलिए इसमें बहत सारे काम होता है जैसे टेक्स्ट, ग्राफिक्स, टेबल, चार्ट, क्लिप आर्ट, ड्राइंग, एनीमेशन, विडियो क्लिप, ऑनस्क्रीन प्रेजेंटेशन , स्लाइड , हैडआउट, स्पीकर नोट्स और आउटलाइन का भी उत्पादन में उपयोग किया जाता है।
इन्टरनेट क्या हैं? (What is internet)
इंटरनेट सूचना तकनीक की सबसे आधुनिक प्रणाली है। इंटरनेट को आप विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्को का एक विश्व स्तरीय समूह (नेटवर्क) कह सकते है। इस नेटवर्क में हजारों और लाखो कंप्यूटर एक दुसरे से जुड़े है। साधारणत: कंप्यूटर को टेलीफोन लाइन द्वारा इंटरनेट से जोड़ा (Connect) जाता है।
इंटरनेट का उपयोग
इंटरनेट ईमेल और चैट की सुविधा देता है जो कर्मचारियों के बीच संचार को आसान बनाता है। ग्राहकों तक पहुँचना इंटरनेट की मदद से और भी आसान हो गया है। इंटरनेट हमें विभिन्न प्रसारण प्लेटफॉर्म के माध्यम से विचार साझा करने में सक्षम बनाता है। इससे एक ही समय में बड़ी संख्या में लोगों के साथ अपने विचार साझा करना आसान हो गया है।
कंप्यूटर से ईमेल कैसे भेजें सीखें :-
1. अपने जीमेल में Login करे: ...
2. Compose पर क्लिक करे: ...
3. Email ID दर्ज करे: ...
4. Send पर क्लिक करे: मैसेज लिखने के बाद या कोई फाइल या फोटो Attach करने के बाद आपको ईमेल को भेजना है तो आपको Message के नीचे Send का ऑप्शन दिखाई दे रहा होगा, उस पर क्लिक कीजिये आपका Message Send हो जाएगा।
इंटरनेट का लाभ
• वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान प्रदान संभव हुआ है।
• यह हमारे समय व परिश्रम की बचत करता है।
• सभी क्षेत्रों का महत्वपूर्ण ज्ञान इंटरनेट पर उपलब्ध है।
• आविष्कार व खोज में सहायक है।
• ऑनलाइन रोजगार प्रदान करता है।
• विभिन्न प्रकार की डिजिटल सेवाएं ( बैंकिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि) उपलब्ध कराता है।
इंटरनेट के नुकसान
बहुत सारी गलत जानकारियों का आदान-प्रदान इंटरनेट पर उपलब्ध है। जो लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। विद्यार्थी ऑनलाइन गेम्स व अन्य मनोरंजक गतिविधियों में ज्यादा समय नष्ट करते है। इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार की अश्लील डाटा बच्चो व विद्यार्थियों के शारीरिक व मानसिक विकास को नष्ट कर रहा है।
My Name is Rajesh Kumar Ahirwal and I have currently work on teaching skills.
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